दुनिया भर के ज़्यादातर देशों में कोरोना वायरस के प्रसार (Coronavirus Cases) को रोकने के लिए Lockdown की घोषणा की गई है.
लेकिन Lockdown को कामयाब बनाने के लिए तमाम मुल्क अलग-अलग तरीक़े अपना रहे हैं. हो सकता है ये तरीक़े आपको थोड़े अजीब लगें लेकिन इनका मकसद सिर्फ़ इतना ही है कि Lockdown को कामयाब बनाया जा सके. एक नज़र दुनिया के सबसे
दिलचस्प Lockdown तरीक़ों पर...
हालांकि बीते कुछ सप्ताह में मास्क पहनकर घूमते लोगों को देखा जाना सामान्य सा हो गया है लेकिन ऑस्ट्रिया दुनिया का वो चौथा देश है जिसने अपने यहां सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहनने को अनिवार्य कर दिया है. इससे पहले चेक गणराज्य, स्लोवाकिया(Slovakia)और
हर्ज़ेगोविना(Herzegovina) अपने यहां इसे अनिवार्य कर चुके हैं.
तुर्कमेनिस्तान में इस महामारी से निपटने के लिए एकदम अलग क़दम उठाया गया है. यहां कोरोना वायरस शब्द पर ही प्रतिबंध लगा दिया गया है.
तुर्कमेनिस्तान क्रॉनिकल की ख़बर के अनुसार, सरकार ने अपने हेल्थ इंफ़ॉर्मेशन ब्रोशर्स से इस शब्द को ही हटा दिया है. रेडियो अज़तलाइक में काम करने वाले पत्रकारों के मुताबिक़, देश में जिस भी किसी को कोरोना वायरस के बारे में बात करते या मास्क पहनकर घूमते पाया जाएगा उसे गिरफ़्तार किया जा सकता है.
अधिकारियों का कहना है कि यहां अभी तक Covid-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है,जबकि इसकी सीमा ईरान से लगती है जो दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है.
उदाहरण के तौर पर बैरानकैबरमेजा में रहने वाले जिन नागरिकों की आईडी नंबर 0,4,7 पर ख़त्म होता है वे सोमवार को ख़रीदारी के लिए जा सकते हैं. वहीं जिनकी आईडी में 1,5,8 आख़िरी संख्या है वे मंगलवार को शॉपिंग के लिए निकल सकते हैं.आने वाले समय में संभव है कि बोलिविया(Bolivia) में भी यही नियम दिखाई दे.
सेंट्रल अमरीका(Central America) के इस देश में कोरोना वायरस संक्रमण(Corona Virus Infection) के अभी तक एक हज़ार के क़रीब मामले सामने आ चुके हैं. पनामा में लॉकडाउन की घोषणा की जा चुकी है लेकिन यहां का लॉकडाउन किसी भी दूसरे देश की तुलना में थोड़ा हटकर है.
यहां जेंडर के आधार पर लॉकडाउन की घोषणा की गई है. पनामा में लॉकडाउन तो है लेकिन लोग ज़रूरी चीज़ों की ख़रीदारी के लिए बाहर निकल सकते हैं, लेकिन उसके लिए जेंडर आधारित शर्तें हैं.
जैसे, यहां सप्ताह के कुछ दिन महिलाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं और कुछ दिन पुरुषों के लिए.
महिलाएं Monday, Wednesday और Friday को दो घंटे के लिए घर से बाहर निकल सकती हैं. पुरुषों के लिए Tuesday, Friday और Saturday का दिन तय है जबकि रविवार को किसी के भी बाहर निकलने पर प्रतिबंध है.
हालांकि बाद में इसे विरोध के चलते वापस ले लिया गया. एक Veterinary Doctor (पशु चिकित्सक) ने बताया कि अगर कुत्तों को शाम को टहलाया नहीं जाए तो उनमें कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाएंगी.
खासतौर पर यूरिन से जुड़ी समस्याएं. इसके चलते जिन घरों में वो रह रहे हों वहां रहने वालों को भी संक्रमण होने का ख़तरा बढ़ जाएगा.
अपने पड़ोसी देशों से अलग स्वीडन ने अभी तक किसी तरह की तेज़ी नहीं दिखाई है. वो काफी आराम की स्थिति में नज़र आ रहा है. हालांकि ऐसा नहीं है कि वहां स्थिति बहुत अच्छी है. स्वीडन में अभी तक 4500 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
सरकार को उम्मीद है कि लोग समझदारी की परिचय देंगे और सही क़दम ही उठाएंगे. बीते रविवार से यहां 50 से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध है.
लेकिन 16 साल से कम उम्र के बच्चों के स्कूल अभी भी खुले हुए हैं. पब और रेस्त्रां अभी भी टेबल सर्विस दे रहे हैं और बहुत से लोग अभी भी सोशलाइज़िंग कर रहे हैं,जैसे वो पहले किया करते थे.
"मुझे तो कोई वायरस नहीं दिख रहा." बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर लुकेशेंका से जब पूछा गया कि वो अपने देश कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Infection) को रोकने की कोशिश क्यों नहीं कर रहे हैं, तो उन्होंने हंसते हुए यही जवाब दिया.
आइस हॉकी के एक मैच के दौरान टीवी रिपोर्टर ने जब लुकेशेंका से पूछा कि वो मैच स्थगित क्यों नहीं कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि मैच से कोई दिक़्कत नहीं है क्योंकि स्टेडियम की ठंड वायरस को फैलने से रोकेगी.
लुकेशेंका ने कहा, "यहां कोई वायरस नहीं है. आपने उन्हें उड़ते हुए नहीं देखा, है ना? मैंने भी नहीं देखा. देखिए, यहां बर्फ है. ये वायरस का मारने का सबसे अच्छा तरीका है." बाकी यूरोपीय देशों के उलट बेलारूस ने किसी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट को स्थगित नहीं किया है.
देश के महिला मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन एक कार्टून जारी किया गया था. जिसमें महिलाओं से कहा गया था कि वे मेकअप करें, सजे-संवरे और इस दौरान अपने पति के साथ नोंक-झोंक करने से परहेज़ करें.
हालांकि बाद में कड़ी निंदा के बाद सरकार को इस कार्टून के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी. सोशल मीडिया पर भारी विरोध के बाद सरकार ने इसे हटा लिया.
लेकिन Lockdown को कामयाब बनाने के लिए तमाम मुल्क अलग-अलग तरीक़े अपना रहे हैं. हो सकता है ये तरीक़े आपको थोड़े अजीब लगें लेकिन इनका मकसद सिर्फ़ इतना ही है कि Lockdown को कामयाब बनाया जा सके. एक नज़र दुनिया के सबसे
दिलचस्प Lockdown तरीक़ों पर...
Austria (ऑस्ट्रिया)
WHO का कहना है कि जो लोग स्वस्थ हैं उन्हें मास्क पहनने की ज़रूरत नहीं है. लेकिन अगर वो किसी की देखभाल कर रहे हैं या फिर उनके आस पास कोई बीमार (Coronavirus Patient) है तो वो मास्क पहन सकते हैं. लेकिन ऑस्ट्रिया ने अपने यहां सुपर मार्केट में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है.हालांकि बीते कुछ सप्ताह में मास्क पहनकर घूमते लोगों को देखा जाना सामान्य सा हो गया है लेकिन ऑस्ट्रिया दुनिया का वो चौथा देश है जिसने अपने यहां सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहनने को अनिवार्य कर दिया है. इससे पहले चेक गणराज्य, स्लोवाकिया(Slovakia)और
हर्ज़ेगोविना(Herzegovina) अपने यहां इसे अनिवार्य कर चुके हैं.
Turkmenistan (तुर्कमेनिस्तान)
तुर्कमेनिस्तान क्रॉनिकल की ख़बर के अनुसार, सरकार ने अपने हेल्थ इंफ़ॉर्मेशन ब्रोशर्स से इस शब्द को ही हटा दिया है. रेडियो अज़तलाइक में काम करने वाले पत्रकारों के मुताबिक़, देश में जिस भी किसी को कोरोना वायरस के बारे में बात करते या मास्क पहनकर घूमते पाया जाएगा उसे गिरफ़्तार किया जा सकता है.
अधिकारियों का कहना है कि यहां अभी तक Covid-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है,जबकि इसकी सीमा ईरान से लगती है जो दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है.
Columbia (कोलंबिया)
कोलंबिया के कुछ कस्बों में लोगों को उनकी नेशनल आईडी(National ID) पर अंकित अंतिम नंबर के आधार पर बाहर निकलने की अनुमति है.उदाहरण के तौर पर बैरानकैबरमेजा में रहने वाले जिन नागरिकों की आईडी नंबर 0,4,7 पर ख़त्म होता है वे सोमवार को ख़रीदारी के लिए जा सकते हैं. वहीं जिनकी आईडी में 1,5,8 आख़िरी संख्या है वे मंगलवार को शॉपिंग के लिए निकल सकते हैं.आने वाले समय में संभव है कि बोलिविया(Bolivia) में भी यही नियम दिखाई दे.
Panama (पनामा)
यहां जेंडर के आधार पर लॉकडाउन की घोषणा की गई है. पनामा में लॉकडाउन तो है लेकिन लोग ज़रूरी चीज़ों की ख़रीदारी के लिए बाहर निकल सकते हैं, लेकिन उसके लिए जेंडर आधारित शर्तें हैं.
जैसे, यहां सप्ताह के कुछ दिन महिलाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं और कुछ दिन पुरुषों के लिए.
महिलाएं Monday, Wednesday और Friday को दो घंटे के लिए घर से बाहर निकल सकती हैं. पुरुषों के लिए Tuesday, Friday और Saturday का दिन तय है जबकि रविवार को किसी के भी बाहर निकलने पर प्रतिबंध है.
Serbia (सर्बिया)
सर्बिया में भी लॉकडाउन है और लोगों की भीड़ ना जुटे इसके लिए सर्बिया में Dog Walking Hour (डॉग-वॉकिंग आवर) लागू किया गया है. जिसमें रात आठ बजे से नौ बजे तक का समय कुत्तों को टहलाने के लिए तय किया गया था.हालांकि बाद में इसे विरोध के चलते वापस ले लिया गया. एक Veterinary Doctor (पशु चिकित्सक) ने बताया कि अगर कुत्तों को शाम को टहलाया नहीं जाए तो उनमें कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाएंगी.
खासतौर पर यूरिन से जुड़ी समस्याएं. इसके चलते जिन घरों में वो रह रहे हों वहां रहने वालों को भी संक्रमण होने का ख़तरा बढ़ जाएगा.
Sweden (स्वीडन)
सरकार को उम्मीद है कि लोग समझदारी की परिचय देंगे और सही क़दम ही उठाएंगे. बीते रविवार से यहां 50 से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध है.
लेकिन 16 साल से कम उम्र के बच्चों के स्कूल अभी भी खुले हुए हैं. पब और रेस्त्रां अभी भी टेबल सर्विस दे रहे हैं और बहुत से लोग अभी भी सोशलाइज़िंग कर रहे हैं,जैसे वो पहले किया करते थे.
Belarus (बेलारूस)
बेलारूस के राष्ट्रपति को बीते दिनों काफ़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा."मुझे तो कोई वायरस नहीं दिख रहा." बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर लुकेशेंका से जब पूछा गया कि वो अपने देश कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Infection) को रोकने की कोशिश क्यों नहीं कर रहे हैं, तो उन्होंने हंसते हुए यही जवाब दिया.
आइस हॉकी के एक मैच के दौरान टीवी रिपोर्टर ने जब लुकेशेंका से पूछा कि वो मैच स्थगित क्यों नहीं कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि मैच से कोई दिक़्कत नहीं है क्योंकि स्टेडियम की ठंड वायरस को फैलने से रोकेगी.
लुकेशेंका ने कहा, "यहां कोई वायरस नहीं है. आपने उन्हें उड़ते हुए नहीं देखा, है ना? मैंने भी नहीं देखा. देखिए, यहां बर्फ है. ये वायरस का मारने का सबसे अच्छा तरीका है." बाकी यूरोपीय देशों के उलट बेलारूस ने किसी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट को स्थगित नहीं किया है.
Malaysia (मलेशिया)
मलेशिया में आंशिक लॉकडाउन है. इस दौरान मलेशिया में सरकार को अपनी दी गई एक सलाह के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी.देश के महिला मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन एक कार्टून जारी किया गया था. जिसमें महिलाओं से कहा गया था कि वे मेकअप करें, सजे-संवरे और इस दौरान अपने पति के साथ नोंक-झोंक करने से परहेज़ करें.
हालांकि बाद में कड़ी निंदा के बाद सरकार को इस कार्टून के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी. सोशल मीडिया पर भारी विरोध के बाद सरकार ने इसे हटा लिया.
1 Comments
बहुत बहुत धन्यवाद सर , मै आपकी daily reader हूँ....आप बहुत अच्छा लिखते हो और सभी पोस्ट में काफी helpful जानकारी देते है ...thank you sir
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